छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके ने किया लेखक प्रलय श्रीवास्तव की पुस्तक ‘मध्यप्रदेश में चुनाव और नवाचार’ का विमोचन
छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके ने किया लेखक प्रलय श्रीवास्तव की पुस्तक ‘मध्यप्रदेश में चुनाव और नवाचार’ का विमोचन
लेखक प्रलय श्रीवास्तव मध्य प्रदेश के जनसंपर्क विभाग भोपाल में लंबे समय तक महत्वपूर्ण पद पर रहे और फिलहाल सागर में पदस्थ हैं।
Bhopal: छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके ने शनिवार को लेखक प्रलय श्रीवास्तव की पुस्तक “मध्यप्रदेश में चुनाव और नवाचार“ का विमोचन किया। इस अवसर पर भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओ.पी. रावत विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। वरिष्ठ पत्रकार महेश श्रीवास्तव कार्यक्रम के अध्यक्ष तथा पूर्व मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी जे.एस. माथुर, वरिष्ठ पत्रकार एन.के. सिंह, विजयदत्त श्रीधर, उमेश त्रिवेदी एवं रमेश शर्मा, विधायक कृष्णा गौर विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए। इसी के साथ कई वरिष्ठ पत्रकार और गणमान्य नागरिक कार्यक्रम में उपस्थित रहे। पुस्तक में मध्यप्रदेश के चुनाव के इतिहास, नवाचार तथा विभिन्न उपयोगी संदर्भ सामग्री का समावेश किया गया है।
भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओ.पी. रावत ने कहा कि ‘देश पर कौन राज करेगा, ये निष्पक्ष चुनावी प्रक्रिया से ही संभव है। पूरे विश्व में भारत की चुनाव प्रक्रिया को स्वतंत्र और निष्पक्ष माना जाता है। वहीं वरिष्ठ पत्रकार महेश श्रीवास्तव ने कहा कि ‘भारतीय निर्वाचन आयोग ने देश के मदमस्त राजनेताओं को अंकुश में रखा है।’ उन्होने लेखक प्रलय श्रीवास्तव की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होने अपने प्रशासनिक जीवन में प्राप्त अनुभवों को लिपिबंद्ध कर समाज को अर्जित ज्ञान बांटने का काम किया है।
लेखक प्रलय श्रीवास्तव मध्य प्रदेश के जनसंपर्क विभाग भोपाल में लंबे समय तक महत्वपूर्ण पद पर रहे और फिलहाल सागर में पदस्थ हैं। नरसिंहपुर में जन्मे प्रलय श्रीवास्तव की छात्र जीवन से ही राजनीति में रूचि थी और सन 1981 तक वे विद्यालयीन-महाविद्यालयीन छात्र राजनीति में सक्रिय रहे। वे साल 1981 में शासकीय सेवा में आए और कुछ समय पश्चात जनसंपर्क विभाग में जनसंपर्क सहायक नियुक्त हुए। 1987 में वे जनसंपर्क विभाग में सहायक जनसंपर्क अधिकारी के पद पर चयनित होकर निरंतर शासकीय सेवा, सहायक संचालक के बाद वर्तमान में जनसंपर्क विभाग में उप संचालक हैं और सागर जिले में पदस्थ हैं। लेखक ने मध्य प्रदेश निर्वाचन कार्य में लंबे समय तक जुड़े रहने के बाद निर्वाचन प्रक्रिया के प्राप्त अनुभव और संदर्भित सामग्री के आधार पर ये पुस्तक लिखी है।