syria war: सीरिया पर विद्रोहियों का कब्जा, राष्ट्रपति बशर अल असद देश छोड़कर भागे
सीरिया पर विद्रोहियों का कब्जा, राष्ट्रपति बशर अल असद देश छोड़कर भागे
Rebels take over Syria, President Bashar al-Assad flees the country
पीएम अल-जलाली ने लोगों से संपत्तियों को नुसकान न पहुंचाने की अपील की
The Syrian president, Bashar al-Assad, is believed to have fled the country his family has ruled over for 50 years as rebels said they had captured the capital after a lightning advance completed in just under two weeks.Two senior Syrian officers told Reuters that Assad had fled Damascus, his destination unknown. The report could not be independently verified.The senior Emirati diplomat Anwar Gargash declined to say whether Assad was fleeing to the United Arab Emirates. The Syrian leader had been publicly absent as Islamist militant insurgents spearheaded a sweeping offensive that began in a small enclave in north-western Syria, and within 11 days appeared to have toppled Assad’s rule.
नई दिल्ली । सीरिया की राजधानी दमिश्क में विद्रोहियों का कब्जा हो गया है। सेना ने विद्रोहियों के सामने हथियाद डाल दिए हैं। सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद देश छोड़कर भाग चुके हैं। सीरिया के आर्मी कमांडर ने असद सरकार को खत्म करने का ऐलान किया। सीरियाई विद्रोहियों ने रविवार को ऐलान किया कि बशर अल-असद राजधानी से भाग गए हैं। विद्रोहियों ने दमिश्क को आजाद घोषित कर दिया है। पुलिस मुख्यालय से लेकर टीवी नेटवर्क तक पर विद्रोहियों का कब्जा है।
मिलिट्री ऑपरेशंस कमांड ने टेलीग्राम पर एक पोस्ट में लिखा- हम तानाशाह बशर अल-असद से दमिश्क शहर को आजाद घोषित करते हैं। दुनिया भर में विस्थापित हुए सभी लोगों के लिए एक आजाद सीरिया आपका इंतजार कर रहा है। इससे पहले विद्रोहियों ने राजधानी में घुसने और दमिश्क के उत्तर में कुख्यात सैदनाया सैन्य जेल पर नियंत्रण करने का दावा किया था। वहीं, दूसरी ओर सीरिया के पीएम मोहम्मद गाजी अल-जलाली ने रविवार सुबह एक संदेश में कहा कि सरकार लोगों की ओर से चुने गए किसी भी नेतृत्व के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने साफ कहा कि वह सत्ता सौंपने के लिए तैयार हैं।
पीएम गाजी अल-जलाली ने सीरियाई लोगों से सार्वजनिक संपत्तियों को नुसकान न पहुंचाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह सभी नागरिकों की है। उन्होंने कहा कि मैं यहां अपने घर में हूं, कहीं नहीं गया और न ही इसे छोड़ने का इरादा है। शांतिपूर्ण तरीके से सार्वजनिक संस्थानों, राज्य की सुविधाओं के संचालन को जारी रखना और सभी नागरिकों के लिए सुरक्षा के लिए मौजूद हूं। उन्होंने अपने बयान में साफ कहा कि वह विद्रोहियों की हर शर्त मानने को तैयार हैं। सीरिया के सशस्त्र विपक्ष का नेतृत्व करने वाले मुख्य समूह हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के विद्रोही नेता अबू मोहम्मद अल-जुलानी ने विद्रोही बलों से राज्य के संस्थानों को बिना नुकसान पहुंचाए छोड़ने का आह्वान करते हुए एक बयान जारी किया। अल-जुलानी के नाम से मशहूर अहमद अल-शारा ने टेलीग्राम पर कहा कि दमिश्क शहर के सभी सैन्य बलों के लिए, सार्वजनिक संस्थानों से संपर्क करना सख्त मना है, जो पूर्व पीएम की देखरेख में तब तक रहेंगे जब तक उन्हें आधिकारिक तौर पर नहीं सौंप दिया जाता है, और हवा में गोलियां चलाने की भी मनाही है।
बशर अल असद के देश से भागन के बाद अब विद्रोहियों के कब्जे में सीरिया है। ऐसे में विद्रोही खुद ही सरकार चलाएंगे या फिर पीएम अल-जलाली ही चेहरा बने रहेंगे। सेना भी अब लड़ना नहीं चाहती है। दूसरा विकल्प यह है कि हयात तहरीर अल-शाम का प्रमुख अबू मोहम्मद अल जुलानी अपने हाथ में कमान लेकर सरकार चलाएंगे। अबू मोहम्मद अल जुलानी वही शख्स हैं, जिन्होंने असद की सत्ता उखाड़ फेंकी। उनके नेतृत्व में ही विद्रोहियों ने सीरिया पर कब्जा किया है। असद के भागने के बाद अबू जुलानी अब सीरिया के सबसे ताकतवर नेता बन गए हैं। दरअसल, बशर अल असद पिछले 24 सालों से सीरिया पर राज कर रहे थे। उन्हें सीरिया की सत्ता विरासत में मिली थी। उनके पिता अल असद हाफेज ने 29 साल तक सीरया पर राज किया था। उनकी सरकार रूस और अन्य देशों के समर्थन से चल रही थी, लेकिन इस बार अबू जुलानी की आंधी में उनकी सरकार उड़ गई। बशर अल असद 2000 में राष्ट्रपति बने थे। बशर अल-असद का जन्म दमिश्क में 11 सितम्बर 1965 को हुआ था।