इंदौर येन एकेडमी ने जापानी भाषा और वहां उपलब्ध रोजगार की संभावनाओं की जानकारी दी
जापानी भाषा और वहां उपलब्ध रोजगार के बारे में जापान से आए अधिकारियों ने दी जानकारी
येन एकेडमी विद्यार्थियों के बेहतर भविष्य के लिए जापान मे उपलब्ध रोजगार और व्यवसाय के प्रति युवाओं को प्रोत्साहित कर चुकी है
इंदौर। विदेशी भाषाओं की अगर बात करें तो जापानी भाषा को सीखने वालों की संख्या काफी ज्यादा है। इसमें तेजी से जापानी भाषा को जानने वालों की संख्या भी बढ़ती जा रही हैं। मध्य प्रदेश की एक मात्र जापानी भाषा पढ़ाने वाली और जापान में भारतीय छात्रों को नौकरियां दिलाने वाले संस्थान येन एकेडमी ने जापानी भाषा को लेकर जागरूकता बढ़ाने और जापान में मौजूद रोजगार की संभावनाओं की जानकारी देने के लिए शहर में एक ही दिन में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। 21 जनवरी को शहर के विजय नगर रसोमा चौराहे के पास में स्थित क्लेवर मोन्क पर दोपहर 3.30 बजे कार्यक्रम आयोजित किया गया। येन एकेडमी द्वारा आरडी नर्सिंग कॉलेज और बॉम्बे हॉस्पिटल कॉलेज ऑफ नर्सिंग में भी जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कई विद्यार्थियों ने इसमें शिरकत की।
भारतीय हर जगह अपनी हुनर का डंका बजा रहे हैं
आयोजन में जापान से आए कागवा नर्सिंग होम फेसिलिटिस के सदस्य एमएस इशीमातो और आरडी नर्सिंग कॉलेज के निदेशक रवि भदौरिया, बॉम्बे हॉस्पिटल कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्रिंसिपल डॉ. एम एस विंची, येन एकेडमी के निदेशक चेतन धामोरीकर ने नर्सिंग के छात्र-छात्राओं को संबोधित किया और उन्होंने जापान में उपलब्ध रोजगार की जानकारी दी। विद्यार्थियों को जापान आने का भी निमंत्रण दिया गया। जापान में इंर्फोरमेशन टेक्नोलाजी के क्षेत्र में कामp करने वाली अग्रणी कंपनी क्लेवर मोंक के ऑफिस में भी एक सेमिनार आयोजित किया गया। यहां जापानी कंपनी की ओर से पधारे एमएस मियामोटो मैनेजिंग डायरेक्टर क्योडो कुमिया ग्लोबल, काबुशीकी कामसाइज के बिजनेस हेड रातूरी ओमप्रकाश, क्लेवर मोंक कंपनी के डायरेक्टर सूर्यकांत कौशल, येन एकेडमी के डायरेक्टर राजेश चौहान ने उपलब्ध रोजगार एवं व्यापार की संभावनाओं की जानकारी दी। उन्होने कहा कि आइटी क्षेत्र में भारतीय पेशेवरों का लोहा सारी दुनिया मानतीं है। यहां के नर्सिंग पेशेवर भी सारी दुनिया में अपने योगदान के लिए जाने जाते हैं। इस कार्यक्रम को हाल ही में हुए प्रवासी भारतीय कार्यक्रम के योगदान के रूप में देखा जा सकता है। येन एकेडमी विगत पांच वर्षों से भारतीय प्रोफेशनल्स और छात्र- छात्राओं को जापान और भारत के बीच टेक्निकल इंटरनल शिप ट्रेनिंग प्रोग्राम (टीआईटीपी) करा रहा है जिसके तहत एनएसडीसी के अनुबंध के तहत लगभग 3.5 लाख युवाओं को जापान भेजा जाना प्रस्तावित है।
विद्यार्थियों के सवालों के जवाब दिए गए
इसके तहत जापानी भाषा को किस तरह आसानी से सीख सकते हैं और कैसे बेहतर पैकेज में जापान जैसे विकसित देश में करियर बना सकते हैं इस बारे में जानकारी दी गई। जापान से आए अधिकारियों ने इस बारे में विद्यार्थियों के प्रश्नों के जवाब भी दिए। जैसा कि सब जानते है, जापान विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था है और सामाजिक कारणों से जापान की जनसंख्या कम होती जा रहीं है जिसके चलते जापानी कंपनियों को विदेशी कुशल श्रमिको की बहुत अवश्यकता है। जापान और भारत के बेहतर संबंधों के चलते बहुत सी जापानी कंपनिया अब अपना रुख भारत की तरफ कर रही है। बता दे की जापानी कंपनियां अपने कर्मचारी का बहुत ध्यान रखती है तथा उनको बहुत ही अच्छे पैकेज पर नौकरी देती है।