नॉर्वे में ब्लैकलिस्ट हुई अडानी ग्रुप की अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड कंपनी, जानिए क्या है मामला?
नई दिल्लीः भारत के दूसरे सबसे अमीर उद्योगपति गौतम अडानी के लिए एक नई मुश्किल खड़ी हो गई है। उनके ग्रुप की सबसे प्रमुख कंपनी अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड को नॉर्वे में एक सॉवरेन वेल्थ फंड ने ब्लैकलिस्ट कर दिया है। अडानी पोर्ट को उसने अपने पोर्टफोलियो से भी बाहर कर दिया है।
नॉर्वे के सबसे बड़े सॉवरेन फंड्स में से एक नॉरजेस बैंक इंवेस्टमेंट मैनेजमेंट ने इस बारे में बुधवार को एक स्टेटमेंट जारी किया। फंड की ओर से ऐलान किया गया है कि वह अपने पोर्टफोलियो से अब अडानी पोर्ट एंड एसईजेड को बाहर कर रही है। इतना ही नहीं, सॉवरेन फंड ने अमेरिका की एल3 हैरिस टेक्नोलॉजीस इंक और चीन की वेईचाई पावर कंपनी को भी अपने पोर्टफोलियो से निकाल दिया है।
मानवाधिकार उल्लंघन से जुड़ी अडानी पोर्ट्स
नॉर्वे के सॉवरेन फंड ने अपने बयान में कहा है कि अडानी पोर्ट्स ऐसे क्षेत्रों में काम कर रही है, जो युद्धरत या कॉन्फ्लिक्ट जोन में हैं। ब्लूमबर्ग की खबरों के मुताबिक कंपनी इन इलाकों में मानवाधिकार उल्लंघन से जुड़ी हुई है और ये ‘अस्वीकार्य’ जोखिम है। इसलिए फंड अडानी पोर्ट से अपने निवेश को बाहर खींच रहा है। अडानी पोर्ट, अभी मुख्य तौर पर इजराइल में काम करता है, जहां इजराइल का हमास के साथ संघर्ष चल रहा है। सॉवरेन फंड ने अमेरिका की कंपनी को भी इसलिए ब्लैकलिस्ट किया है क्योंकि वह परमाणु हथियार से जुड़े कंपोनेंट बनाती है। वहीं चीन की कंपनी रूस और बेलारूस में सैन्य उपकरणों की सेल में योगदान देती है। मानवाधिकार संरक्षण को लेकर नॉर्वे काफी सजग राष्ट्र है और इससे जुड़े तमाम इंडेक्स में हमेशा टॉप कंट्री में शामिल रहता है।