Aditya Sharma – लघुकथा : “दूसरा डोज़ ” आप समझ गए होंगें ?
Bhopal /Aditya Sharma@ दूसरा डोज़ , आप समझ गए होंगें में क्या कहना चाह रहा हूँ नहीं समझे ?चलो में बता देता हूँ मेरा आशय वेक्सीन के दूसरे डोज़ से है अब चूँकि पहिला डोज़ लग चुका था तो दूसरा लगना भी लाज़िमी था,तो खैर बच्चों ने कोशिश करके आरोग्य सेतु से मेरे दूसरे डोज़ के लिए स्लॉट बुक कर दिया 10 मई सुबह 9 से 11 बजे दिन ,तो 10 तारीख को सुबह 7 बजे से तैयारी में लग गया श्री मति जी ने सलाह दी के साढ़े आठ बजे ही पहुंच जाना मेने कहा जिस देश में बारात भी अगर 8बजे का मुहूर्त हो और 10 बजे लग जाये तो बड़ी उपलब्धि मानी जाती है तो परेशान मत हो इतनी जल्दी पहुंच कर भी क्या करूँगा ।
पर इस सोच का एक अपवाद भी मेरे दिमाग में था। कुछ साल पहिले मेरे साले साहब की बेटी की शादी नागपुर महाराष्ट्र में होनी थी हम सब वहीं जाकर शादी कर रहे थे बारात 7 बजे आनी थी पर हम सब अपनी आदत के हिसाब से साढ़े छे बजे तो चाय पी कर बात कर रहे थे कौन क्या पहिनेगा खास तौर से अपने यहां की महिलाएं अगर दो तीन घण्टे में तैयार हो जाएं तो चमत्कार मानिये । खैर वहां जो हुआ वो हम सभी के लिए चमत्कार से कम नहीं था पता ये चला कि ठीक सात बजे बारात लग जायेगी ,रास्ते में है।हम सब का जो हाल हुआ वो बता नहीं सकते बड़ी मुश्किल चार छै लोग बारात रिसीव करने गेट पर पहुंच पाए । यही सोचकर में घर से नो बजे निकल पड़ा सोचा सवा नो बजे तक वेक्सीन सेंटर पहुंच जाऊंगा यही सोचकर अपनी कार से अगले चौराहे पर पहुंचा ही था कि देखा ट्रैफिक जाम ,पुलिस ने रास्ता डायवर्ट किया हुआ है मतलब मेरा 10 मिनिट का सफर अब घण्टों में होने वाला था मेने पुलिस वालों को अपनी समस्या बताई पर उनका एक ही जवाब हमारे अफसर का आदेश है हम कुछ नहीं कर सकते मगर यही पुलिस वाले अगर चालान करना हो या मारना पीटना हो तो त्वरित सेवा उपलब्ध करा देते हैं मेरे बहुत कहने पर भी वो नहीं पसीजे,फिर मुझे ये ख्याल आया कि ये लोग भी अपनी जान की परवाह न करते हुए दिन रात हमारी सेवा और सुरक्षा में लगे हुए हैं तो हम्हें भी उन्हें कोआपरेट करना चाहिए खैर इसी सुविचार के साथ उनके बताए रास्ते पर चल पड़ा ये अलग बात हैं मुझे घूमकर जाना पड़ा ,सोचो चौड़ी सड़क छोड़कर आप गली कूचों में अपना रास्ता तलाशिये, यानी वास्कोडिगामा बनकर नया रास्ता खोजिये । फिर भी तमाम परेशानियों के बाद किसी तरह में आधा पौन घण्टा लेट अपने सेंटर पर पहुंचा
गेट पर अपनी बुकिंग मोबाइल पर दिखाई ,आधार कार्ड भी रख के गया था कहीं इसी वजह से मना न कर दें आखिर वहाँ भी गेट पर इंसान ही तो तैनात हैं , वो भी सरकारी ,अब अंदर जाकर अपनी बारी का इंतज़ार किया थोड़ी देर में नम्बर आया रजिस्टर में एंट्री हुई और वैक्सीन लगने का शुभ समय आया नर्स ने कहा चेहरा उस तरफ कीजिये मेने किया और बस दाहिने कंधे पर वैक्सीन लगी मगर मुझे विल्कुल पता नहीं चला निडिल चुभने का कोई एहसास भी नहीं हुआ,नर्स ने मुझे कॉटन हाथ में दी और कहा इसे कन्धे पर दबा कर रखिये और थोड़ी देर वहाँ बैठ जाइए ।में परेशान ,बिना दर्द के सुई कैसे लग सकती है थोड़ा बहुत दर्द तो होना ही चाहिए , अब दिमाग में नए नए खयाल आने लगे कहीँ मेरे साथ भी तो चीटिंग नहीं हो गई क्योंकि अभी व्हाट्सएप पर ऐसे कई वीडियो वायरल हुए हैं जिनमें दिखाया गया के लोगों को बिना दबाई खाली निडल चुभोई गई , समझ में नहीं आ रहा था क्या करूँ शायद मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही न हो गया हो, पर मैं दूसरे लोगों को सुई लगती देखने के लिए वहां रुक नहीं सकता था तो बस थोड़ी देर वहीं बाहर बैठकर अपने घर आ गया मैंने अपनी पत्नी से इसकी चर्चा की उसे भी यकीन नहीं हुआ थोड़ी परेशान भी हो गई ।मेने कहा मेरे कन्धे पर देखो तो कोई निशान है या नहीं? उसने मोबाइल की टॉर्च जलाकर देखी बोली एक लाल सा निशान दिख तो रहा है मैंने कहा इसका फ़ोटो निकाल कर दिखाओ उसने दिखाया तो जैसे किसी चींटी के काटने जैसा बहुत हल्का सा निशान था खैर करते भी क्या दर्द तो था नहीं निशान भी मामूली किसी तरह से खुद को समझाया।हाँ पर एक बात जरूर थी कि मुझे हर रोज के हिसाब से उस दिन कुछ ज्यादा भूख लगती रही में डिनर के बाद रात को सो गया अजीब, अजीब सपने भी आते रहे सुबह जब आँख खुली और दाईं ओर करवट ली तो अचानक कन्धे में दर्द की लहर सी दौड़ गई मुझे कुछ पल तो समझ नहीं आया ये दर्द क्यूँ हुआ और फिर जब ये ख्याल आया कि कल इसी कंधे में वैक्सीन का दूसरा डोज़ लगा है तो दर्द की जगह चेहरे पर खुशी छा गई मेरे जीवन मे ये पहली बार हुआ था कोई दर्द मुझे ख़ुशी दे रहा था ।मैंने पत्नी से कहा सुनो चाय बना लूं क्या पत्नी को थोड़ा आश्चर्य हुआ बोली बड़े खुश नजर आ रहे हो क्या बात है मैंने कहा बात ही खुशी की है पत्नी ने कहा अब कह भी डालो क्यूँ पहेलियां बुझा रहे हो कल तो बहुत परेशान थे मैंने हँसते हुए कहा मेरे दायें कंधे में दर्द हो रहा है उसने आश्चर्य से मेरी तरफ देखकर कहा इसमें इस तरह हँसने की बात है तब मैंने उसे समझाया कि मुझे दूसरा डोज़ सही में लगा है,ये दर्द उसी का है अब हम दोनों खुशी खुशी चाय पी रहे हैं। आप भी एन्जॉय कीजिये । और हाँ अफवाहों पर कतई भरोसा न करें ।