ऑनलाइन शिक्षण ऑफलाइन जैसी ही प्रभावी – लीड के 20,000 स्‍टूडेंट्स के डाटा से हुई पुष्टि

 

– वर्ष 2019 और महामारी के बाद वर्ष 2020 के शैक्षणिक प्रदर्शन का तुलनात्मक मूल्‍यांकन ज्‍यादा उपस्थिति और अंकों के बीच मजबूत सम्‍बंध दर्शाता है –

मुंबई : शैक्षणिक वर्ष 2019-20 और कोविड के बाद के वर्ष 2020 के बीच 20,000 स्‍टूडेंट्स के शैक्षणिक प्रदर्शन के अनुभवजन्य विश्‍लेषण से पता चला है कि ऑनलाइन पढ़ाई, ऑफलाइन पढ़ाई जितनी ही प्रभावी है। एडटेक कंपनी लीड द्वारा किए गए इस विश्‍लेषण से यह संकेत भी मिलता है कि ऑनलाइन कक्षाओं के दौरान जिन स्‍टूडेंट्स की उपस्थिति 80% से ज्‍यादा रही, उन्‍होंने अनियमित उपस्थिति वाले स्‍टूडेंट्स से 45% ज्‍यादा अंक अर्जित किये।
यह परिणाम ऑनलाइन कक्षाओं में पढ़ाई की क्षमता के मामले में पैरेंट्स की शंकाओं को दूर करते हैं। मार्च 2020 से स्‍कूल बंद होने के बाद यह भारत में देखा गया ‘न्‍यू नॉर्मल’ था।
शैक्षणिक वर्ष 2019-2020 और 2020-2021 के लिये साल के मध्‍य और अंत का मूल्‍यांकन यह संकेत भी देता है कि ऑनलाइन स्‍कूलिंग ने ऑफलाइन मोड की तरह भाषा-प्रवाह और संख्या बनाये रखी है।
मुख्‍य विषयों, अंग्रेजी और गणित के लिये, जिन स्‍टूडेंट्स ने शैक्षणिक वर्ष 19-20 में क्रमश: 79% और 77% अंक अर्जित किये थे, उनहोंने ही शैक्षणिक वर्ष 20-21 में दोनो विषयों में 75% अंक पाए। यह पैटर्न छमाही परीक्षाओं और प्री-प्राइमरी, प्राइमरी और सेकंडरी ग्रेड्स में देखा गया, जो संकेत देता है कि जब तक कि स्‍कूल सुरक्षित तरीके से दोबारा नहीं खुलते हैं, टेक्‍नोलॉजी के सही इस्‍तेमाल, शिक्षकों के प्रशिक्षण और अच्‍छी संरचना वाले पाठ्यक्रम से बच्‍चों को अच्‍छी गुणवत्‍ता की पढ़ाई मिल सकती है। यह परिणाम पेरेंट्स को बड़ी राहत देने वाले हैं, क्‍योंकि उनमें से 85% ने पिछले साल लीड द्वारा किये गये 5,000 पेरेंट्स के सर्वे में अपने बच्‍चे के भविष्‍य पर चिंता व्‍यक्‍त की थी।
यह डाटा ज्‍यादा उपस्थिति, शैक्षणिक प्रदर्शन और स्‍कूल की फीस के बीच सम्‍बंध भी दर्शाता है, क्‍योंकि पेरेंट्स अचानक और लंबे समय के लिये उत्‍पन्‍न हुई बाधा के बावजूद प्रदत्‍त शिक्षा को लेकर ज्‍यादा सहज थे।
लीड स्‍कूल के को-फाउंडर और सीईओ, सुमित मेहता ने कहा कि, “यह परिणाम हमारे लंबे समय के भरोसे का प्रमाण हैं कि टेक्‍नोलॉजी से बाधारहित पढ़ाई हो सकती है, चाहे वह ऑनलाइन हो या ऑफलाइन। स्‍टूडेंट्स के प्रदर्शन ने साबित किया है कि स्‍कूलों को दोबारा खुलने तक शिक्षा में ऑनलाइन पढ़ाई को एक सकारात्‍मक शक्ति बनाना चाहिये और स्‍टूडेंट्स को ऑनलाइन पढ़ाई का अनुभव देने के लिये जोरदार प्रयास करने चाहिये। इस डाटा से ऑनलाइन पढ़ाई का जो प्रभाव दिख रहा है, उसके हिसाब से पेरेंट्स को शंकाएँ और चिंताएँ छोड़ देनी चाहिये और अपने बच्‍चों को ऑनलाइन कक्षा में पढ़ाई के प्रति उतना ही प्रतिबद्ध रहने के लिये प्रोत्‍साहित करना चाहिये, जितना वे फिजिकल क्‍लासरूम में रहते थे। लीड में, उत्‍कृष्‍ट शिक्षा प्रदान करना और सुनिश्चित करना कि पढ़ाई कभी नहीं रूके, हमारा मिशन रहा है और हम आपूर्ति की विधि या महामारी से इतर यही करते रहेंगे।”
लीड School@Home प्रोग्राम सबसे बड़ा ऑनलाइन स्‍कूल है, जिसे मार्च 2020 में देशव्‍यापी लॉकडाउन के तुरंत बाद लॉन्‍च किया गया था। तब से ही, 20 से ज्‍यादा राज्‍यों के 8 लाख से ज्‍यादा स्‍टूडेंट्स को ऑनलाइन कक्षाओं के माध्‍यम से बाधारहित शिक्षा प्रदान की गई है। लीड ने इस साल की शुरूआत में एक ब्रिज कोर्स भी लॉन्‍च किया था, ताकि स्‍टूडेंट्स को जरूरी कुशलताओं के साथ अगले ग्रेड में पहुँचने में मदद मिले। साथ ही मुख्‍य कॉन्‍सेप्‍ट्स की पुनरावृत्ति की गई थी, ताकि स्‍कूल बंद होने के कारण सीखने में कोई कमी न रहे। लीड 400 से ज्‍यादा शहरों में 2000 से ज्‍यादा पार्टनर स्‍कूलों के लिये इंटीग्रेटेड स्‍कूल सिस्‍टम मुहैया करता है, ताकि स्‍टूडेंट्स को 100% संपूर्ण स्‍कूलिंग का अनुभव मिल सके। स्‍कूल बंद होने पर स्‍टूडेंट्स की सामाजिक, भावनात्‍मक और अतिरिक्‍त गतिविधियों से सम्‍बंधित जरूरतों को पूरा करने के लिये, लीड अपने पार्टनर स्‍कूलों के सभी स्‍टूडेंट्स के लिये पूरी तरह से तकनीक पर आधारित वर्चुअल लीड चैम्पियनशिप का संचालन कर रहा है।

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