इंडिया बनेगा ड्रोन हब… IIT गुवाहाटी ने लाॅन्च किया देश का सबसे बड़ा रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन

 

नई दिल्ली : इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलाॅजी (IIT) गुवाहाटी ने रिसर्च पार्क में भारत का सबसे बड़ा रिमोट पायलट ट्रेनिंग आर्गेनाइजेशन (RPTO) लॉन्च किया है. यह 18 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है. यहां इतनी जगह है कि 9 मीडियम-क्लास ड्रॉन्स को एक साथ उड़ाया जा सकता है. IIT गुवाहाटी ने EduRade के साथ मिलकर इसे लॉन्च किया है.
RPTO का मुख्य उद्देश्य भारत में ड्रोन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देना है. इसके अलावा, यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लॉन्च किए ‘नमो ड्रोन दीदी’ पहल में भी योगदान देता है. यह पहल है भारत को 2030 तक ग्लोबल ड्रोन हब बनाने की. इस तरह RTPO एक साथ दो लक्ष्य हासिल करने
ड्रोन पायलट ट्रेनिंग कोर्स में क्या सिखाएंगे?
शुरुआत में, RTPO एक डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) द्वारा सर्टिफाइड मीडियम क्लास ड्रोन पायलट ट्रेनिंग कोर्स देगा. 3 महीने लंबे कोर्स को इस तरह डिजाइन किया गया है जिससे नॉर्थ-ईस्ट और देश के बाकी हिस्सों के नौजवानों की स्किल्स को और बेहतर किया जाए. यह अपनी तरह का पहला ट्रेनिंग प्रोग्राम है. प्रोग्राम में सॉफ्टवेयर ऑपरेशन, रिमोट पायलट ट्रेनिंग और सिविल एप्लीकेशन के बारे में सिखाया जाएगा.
ड्रोन कोर्स करने का क्या फायदा है?
कोर्स पूरा करने पर छात्र को रिमोट पायलट सर्टिफिकेट (RPC) दिया जाएगा. इसे DGCA द्वारा जारी किया जाएगा. यह सर्टिफिकेट कानून ड्रोन ऑपरेट करने का अधिकार देगा. इसके अलावा सर्टिफिकेट पाने वाले छात्र सर्टिफाइड ड्रोन पायलट के रूप में करियर भी बना सकते हैं.
‘ड्रोन इंडस्ट्री में हो रहा है तेजी से विकास’
IIT गुवाहाटी में भारत के सबसे बड़े RTPO के लॉन्च के बारे में बोलते हुए, प्रोफेसर परमेश्वर के. अय्यर ने कहा, “पिछले तीन सालों से IIT गुवाहाटी ड्रोन टेकनाॅलोजी सेवाओं और शिक्षा में नवाचार और उत्कृष्टता विकसित करने पर ध्यान दिया है. जब हम ड्रोन इंडस्ट्री के तेजी से विकास और ड्रोन पायलटों की बढ़ती मांग को देखते हैं, संस्थान (IIT ) भारत के हर कोने में ड्रोन शिक्षा और मैन्युफैक्चरिंग का विस्तार करने की कल्पना करता है. हमारा लक्ष्य एक ऐसी पीढ़ी को तैयार करना है जो ड्रोन टेकनाॅलोजी के क्षेत्र में जरूरी स्किलस और ज्ञान से लैस हो.
IIT सहयोग के बारे में बोलते हुए, आरसी हॉबीटेक सॉल्यूशंस के निदेशक श्री बिस्वजीत डे ने कहा, ‘इस सहयोग का एक उद्देश्य ड्रोन पायलटों के साथ बाकी उद्योगों, जैसे कृषि, आपदा प्रबंधन, रियल एस्टेट, लॉजिस्टिक्स और ऐसे बाकी क्षेत्रों की सहायता करना है.’

 

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