indore : श्री सुरेंद्रभाई मानवता के थे जीती जागती मिसाल…
अश्रुपूरित श्रद्धांजलि
श्री सुरेंद्रभाई मानवता के थे जीती जागती मिसाल
ऐसी महान हस्ती के विषय में लिखा जाना असंभव ही होता है..
केवल अनुभव किया जाता है जो मैंने अपनी जिन्दगी में किया… sumit
इंदौर। इस बात में कोई अतिशयोक्ति नहीं कि श्री सुरेन्द्र संघवी सादा जीवन उच्च विचार के सिद्धांत पर चलने वाली प्रतिष्ठित शख्सियत थे। मानवता की महान हस्ती थे। जिन्होंने कर्म को ही सदैव पूजा मानते हुए अपने जीवन के प्रत्येक क्षण को कर्म से जोड़े रखा। समाज और राष्ट्र को उतार-चढ़ाव का आईना दिखाने के लिए उन्होंने पत्रकारिता जगत में प्रवेश करते हुए दैनिक चौथा संसार नामक समाचार पत्र निकाला जिसके सभी कर्मचारी जो वर्तमान में हैं और पूर्व में जो रहे हैं-आज भी दैनिक चौथा संसार के पितृपुरुष श्री सुरेन्द्र संघवी का हृदय से सम्मान करते हैं। उनका सम्मान इसलिए कि श्री सुरेन्द्र संघवी ने कभी अपने किसी भी कर्मचारी के सम्मान को ठेस नहीं पहुंचने दी। उनके संस्थान के किसी छोटे से भी कर्मचारी के यहां कोई खुशी या गम का कोई आयोजन हुआ तो वहां अपनी उपस्थिति देकर मानवता की मिसाल कायम की है। अपने कर्मचारियों की हर छोटी से छोटी या बड़ी से बड़ी समस्या के समाधान में उनका योगदान काबिले-तारीफ रहा है। ऐसे अनेक उदाहरण है जो उनके सुकोमल हृदय में बसती मानवता की ओर इंगित करते हैं। पत्रकारिता क्षेत्र में उन्होंने अनेक लोगों को उनकी प्रतिभा और मेहनत को देखते हुए उन्हें आगे बढ़ाने में अपना योगदान दिया है। दैनिक चौथा संसार ने अनेक ऐसे लोगों को जन्म दिया जो आज पत्रकारिता जगत में ख्यातनाम पत्रकारों की श्रेणी में शुमार कहे जाते हैं तो इसका श्रेय भी श्री सुरेन्द्र संघवी को जाता है जिनका दैनिक चौथा संसार न केवल एक अखबार संस्थान रहा, बल्कि पत्रकारिता जगत के विश्वविद्यालय के रूप में कहा जाता है। सामाजिक जीवन में भी उन्होंने प्रतिभाशाली लोगों को आगे बढ़ाने के सदप्रयास बिना किसी स्वार्थ के किए हैं।