सहाराश्री सुब्रत रॉय सहारा ने दिलीप साहब को भावभीनी श्रद्धाँजलि अर्पित की

 

मेरी यादों में दिलीप साहब – Saharasri Subrata Roy Sahara

Mumbai: महान कलाकार दिलीप कुमार के निधन से भारतीय सिनेमा के इतिहास का एक स्वर्ण युग समाप्त हो गया है और मेरे मन का एक कोना खाली हो गया है।
अपनी अभिनय कला के बल पर वह अत्यधिक लोकप्रिय अभिनेता के रूप में स्थापित हुए। वह अपने अविस्मरणीय अभिनय के कारण फिल्म जगत और फिल्म दर्शकों के मन में जीवित रहेंगे। लेकिन अपने गहन मानवीय गुणों और गहरी संवेदनशीलता के कारण वह उन सबके हृदय में जिन्हें उनकी आत्मीयता प्राप्त हुई, चिरकाल तक बने रहेंगे।
आज जब मैं महानायक दिलीप कुमार के निधन पर शोकाकुल हूं तो मेरे मन में उनके साथ अपने सान्निध्य के अनेकानेक संस्मरण स्मृत हो रहे हैं। यह दिलीप कुमार की महानता ही थी कि दो-तीन बार फोन पर बात होने के साथ ही मुझे उनकी आत्मीयता प्राप्त हो गयी थी। राजनीतिक कारणों से उन दिनों उनका प्रायः उत्तर प्रदेश एवं इधर के अन्य प्रदेशों में आना हुआ करता था। चंद मुलाकातों के बाद स्थिति यह हो गयी थी कि वह जब भी भारत के इस क्षेत्र में, खासकर लखनउळ आते थे तो सहारा शहर, मेरे आवास पर ही ठहरते थे। एक बार तो वह लगातार चार दिन तक ठहरे थे। वे दिन स्वर्णिम यादों के साथ मेरे मन में स्थायी भाव से मौजूद है।
वह बहुत बड़े कलाकार थे और उम्र में मुझसे बहुत बड़े भी। लेकिन वह इतने मानवीय, उदार और सरलमना व्यक्ति थे कि उन्होंने कभी भी मुझे यह बोध नहीं होने दिया कि मैं एक विराट व्यक्तित्व वाले व्यक्ति से बात कर रहा हूं। उनके कलाकार पर उनका विराट व्यक्तित्व हमेशा हावी रहता था और वह मुझसे बहुत ही आत्मीयता के साथ बात किया करते थे। इस लंबे प्रवास के दौरान तो उन्होंने मेरे साथ अपने जीवन के फिल्म जगत संबंधी तथा व्यक्तिगत, अनेक अनुभव सांझा किये। वह बात करते थे तो यह आभास ही नहीं होने देते थे कि उनके सामने कोई कनिष्ठ व्यक्ति बैठा है। अपनी बात कहने की उनकी कला अद्भुत थी। लगता था जैसे वह किसी कहानी का वाचन कर रहे हों जिसे सुनकर कोई भी श्रोता मंत्रमुग्ध हुआ जा रहा हो। उनके बारे में मेरे मन में जब भी कोई जिज्ञासा पैदा हुई तो उन्होंने बहुत ही स्नेहपूर्वक उसका समाधान किया। मेरी जितनी बार उनसे मुलाकात हुई उतनी ही बार मेरे मन में उनके प्रति सम्मान बढ़ता गया।
मेरी हमेशा यही चाह रहती थी कि वह जब भी इधर आयें तो मेरे निवास पर ही ठहरें, किंतु पिछले कुछ बरसों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण उनका कहीं भी आना-जाना स्थगित हो गया था। मुझे जब भी मीडिया के जरिए सूचना मिलती थी कि वह अस्वस्थ हैं और अस्पताल में भर्ती हैं तो मैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता था। जब इस बार मुझे उनके अस्पताल में भर्ती होने का समाचार मिला तो अंदर कहीं आश्वस्ति थी कि वह एक बार फिर स्वस्थ होकर घर लौट आएंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।
दिलीप साहब भले ही भौतिक उपस्थिति के साथ हमारे बीच न हों लेकिन उनका विराट व्यक्तित्व अपनी महानता के साथ सदैव अपने प्रशंसकों के भीतर जीवित रहेगा और मेरे भीतर भी।
उन्हें भरे हृदय से मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि!
सुब्रत राॅय सहारा

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Releated

US: Kamala Harris के राष्ट्रपति पद की दावेदारी को मिली मज़बूती

  Kamala Harris के राष्ट्रपति पद की दावेदारी को मिली मज़बूती, Barack Obama और उनकी पत्नी ने किया समर्थन Former US President Barack Obama and his wife Michelle endorsed Kamala Harris’ bid for president on Friday in a roughly one-minute long video that captured a private phone call between the couple and the current vice […]

Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक में शामिल भारतीय दल को PM मोदी ने दी शुभकामनाएं

  नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पेरिस ओलंपिक 2024 में भाग लेने वाले भारतीय दल को शुभकामनाएं दीं। पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “पेरिस ओलंपिक शुरू होने के साथ ही भारतीय दल को मेरी शुभकामनाएं। हर एथलीट भारत का गौरव है। वे सभी चमकें और खेल भावना […]