IRAN: ईरान में कट्टरपंथियों के खिलाफ 22 वर्षीय युवती ने खोला मोर्चा
IRAN: ईरान में कट्टरपंथियों के खिलाफ 22 वर्षीय युवती ने खोला मोर्चा
किया हिजाब नहीं पहनने का ऐलान, तो गंवानी पड़ी जान
नई दिल्ली। यह दरिंदगी की इंतहा नहीं तो और क्या है कि एक 22 वर्षीय युवती को पुलिस महज इसलिए गिरफ्तार कर लेती है, क्योंकि उसने हिजाब नहीं पहन रखा था और उसे हिरासत में ले जाकर पूछताछ करती है। युवती की मौत के बाद जब पुलिसकर्मियों पर सवाल दागे जाते हैं, तो बचाव में दलीलों की दरिया बहा दी जाती है और खुद को बेकसूर साबित करने की जंग शुरू हो जाती है, लेकिन जिनकी बेटी इस क्रूरता का शिकार हुई है, क्या पुलिसकर्मी उन्हें उनकी बेटी लाकर देगी? उधर, परिजनों का गुस्सा पुलिस पर भड़क रहा है। परिजनों का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने ही उनकी बेटी को मार दिया है। पुलिसकर्मियों ने ही उनकी बेटी की जान ले ली है। लेकिन, पुलिस अपने बचाव में दलीलों की दरिया बहाने में मशगूल है। आइए, अब आपको बताते हैं कि यह दिल दहला देने वाला मामला कहां का है।
आपको बता दें कि यह पूरा माजरा ईरान की राजधानी तेहरान से सामने आया है, जहां 22 वर्षीय युवती अमीनी अपने परिजनों संग तेहरान घूमनी गई थी। इस दौरान उसने हिजाब नहीं पहन रखा था। जिस पर ईरान पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। उसके साथ कई अन्य लड़कियों को भी गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, परिजनों ने पुलिस की गिरफ्तारी का विरोध किया था, लेकिन पुलिसकर्मियों ने अपनी क्रूरता की हदों को पार करते हुए सभी लड़कियों को हिरासत में ले लिया। इस बीच पुलिस हिरासत में रहने के दौरान अमीनी की कथित तौर पर तबियत बिगड़ गई। हिरासत में रहने के दौरान वो बेसुध हो गई। जिसके बाद उसे उपचार हेतु अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। लेकिन, अफसोस उपचार के दौरान ही उसने दम तोड़ दिया था। जिसके बाद से पुलिसकर्मियों पर सवाल उठ रहे हैं। उधर, इस मामले से स्थानीय लोग आक्रोशित हैं। पुलिस के खिलाफ उनका गुस्सा भड़क रहा है। स्थानीय लोगों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी भी की है। उधर, अमीनी के परिजनों ने कहा कि पुलिस ने उनकी बेटी को मार दिया है, जिस पर पुलिस ने कहा कि हमने उसे नहीं मारा है।
Do you really want to know how Iranian morality police killed Mahsa Amini 22 year old woman? Watch this video and do not allow anyone to normalize compulsory hijab and morality police.
The Handmaid's Tale by @MargaretAtwood is not a fiction for us Iranian women. It’s a reality. pic.twitter.com/qRcY0KsnDk
— Masih Alinejad 🏳️ (@AlinejadMasih) September 16, 2022