MP:रेडियो एक ऐसा माध्यम है जिसे वास्तव में जनमाध्यम कहा जा सकता है – जनसंपर्क उपसंचालक अरूण कुमार राठौर

रेडियो एक ऐसा माध्यम है जिसे वास्तव में जनमाध्यम कहा जा सकता है – जनसंपर्क उपसंचालक अरूण कुमार राठौर

विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन कम्युनिटी रेडियो स्टेशन और आधुनिक डिजिटल स्टुडियो स्थापित करेगा

विश्व रेडियो दिवस पर कुलगुरू प्रो. अर्पण भारद्वाज की घोषणा

उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की युनेस्को अवार्ड प्राप्त सतत् शिक्षा अध्ययनशाला तथा पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला में कम्युनिटी रेडियो स्टेशन स्थापित किया जाएगा तथा आधुनिक संसाधनो से युक्त डिजिटल स्टूडियो की स्थापना की जा रही है । जिसकी प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलगुरू प्रो. अर्पण भारद्वाज ने युनेस्को द्वारा घोषित विश्व रेडियो दिवस पर युनेस्को अवार्ड प्राप्त सतत शिक्षा अध्ययनशाला तथा पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला द्वारा “रेडियो : एक सदी की जानकारी मनोरंजन और शिक्षा’’ विषय पर आयोजित राष्ट्रिय संगोष्ठि में मुख्य अतिथि के रूप में अपना उदृबोधन देते हुए उक्त घोषणा की। आपने कहा कि रेडियो एक श्रवण माध्यम से होने वाला एक संचार का महत्वपूर्ण साधन है। संवाद से ही युद्ध का भी समाधान किया जा सकता है।
संभागीय जनसंपर्क कार्यालय के उपसंचालक अरूण कुमार राठौर ने मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करतें हुए कहा कि, जनसंचार माध्यमों के प्रारम्भिक उद्भव में रेडियो ही एक मात्र ऐसा साधन है। जिसने मनुष्य की दिनचर्या में अपनी उपस्थिति दर्ज की है। आपने कहां की रेडियो एक ऐसी विधा है जो वर्षों से चली आ रही है,इसका महत्वपूर्ण प्रभाव भी समाज पर रहा है, इस विधा को लुप्त होने से बचाना है। पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान के निर्देशक एवं संस्प्रेषण विशेषज्ञ प्रोफेसर धर्मेंद्र मेहता ने कार्यक्रम की संकल्पना प्रस्तुत करते हुए बताया कि संयुक्त राष्ट्र संपोषणिक विकास लक्ष्‍यों के अंतर्गत लक्ष्य क्रमांक 9 एवं 17 संचार संप्रेषण के सामाजिक ताने-बाने एवं सर्वसुलभता के साथ सामुदायिक विकास में बहुत महत्वपूर्ण है। आपने ब्रांड कम्युनिकेशन विज्ञापनों एवं परीक्षा पर चर्चा, मन की बात जैसे सफल रेडियो टॉक शो के ज्वलंत उदाहरणों से खुबसुरती से अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया। इसके अंतर्गत आपने रेडियो की प्रारंभिक स्थिति से लेकर वर्तमान स्थिति तक की विशेष उपयोगिता को परिलक्षित किया है। अध्ययनशाला के प्रभारी निदेशक डॉ. सुशील कुमार शर्मा ने स्वागत वक्तव्य में उल्लेख किया कि यह गौरव का विषय है कि यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व रेडियो दिवस का आयोजन सतत् शिक्षा अध्ययनशाला में हो रहा है जिसे 1999 में जनसंचार और संस्कृति पर यूनेस्को अवार्ड मिला और विक्रम विश्वविद्यालय का नाम पूरे विश्व में हुआ। अध्ययनशाला के सहायक संचालक डॉ. अजय शर्मा ने अपने अ‍भिप्रेरण उद्बोधन में कहा कि विश्व विरासत के रूप में विश्व रेडियो दिवस का आयोजन सामाजिक जागरूकता के लिए अनिवार्य है जो जनता को सीधे समाज से जोड़ते हैं। अतिथियों का स्वागत प्रभारी निदेशक डॉ. सुशील कुमार शर्मा ने किया और आभार सहायक संचालक डॉ. अजय शर्मा ने माना। कार्यक्रम में जनसंचार के विद्यार्थियों सर्व श्री सुमित कुमार, कुलदीप शर्मा, सारांश दिवान, स्मृति उपाध्याय, झलक शिकारी, अंतिमबाला, पायल, अलका एवं अमन खान ने रेडियो विषय पर अपनी विशेष प्रस्तुति दी।

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