Indore : सशक्तिकरण पर आधारित रंगमंच मंच आर्ट ऑफ़ ड्रामा – हारी नहीं हूं मैं
सशक्तिकरण पर आधारित रंगमंच मंच आर्ट ऑफ़ ड्रामा – हारी नहीं हूं मैं
सभ्य समाज को दिखाया आईना.. सत्य घटना पर आधारित
इंदौर। नारी सशक्तिकरण पर आधारित रंगमंच मंच आर्ट ऑफ़ ड्रामा के बैनर तले उज्जैन की एक सत्य घटना पर आधारित नाटक हारी नहीं हूं मैं का मंचन किया गया। नाटक के लेखक विभु कुमार है और निर्देशन संदीप दुबे ने किया जो इस नाटक में मुख्य खलनायक की भूमिका में रहे। लीड रोल अभिनेत्री सारिका दीक्षित ने निभाया जो काफी सराहनीय था। समाजसेवी एवं अधिवक्ता आनंद मोहन माथुर के 97 के जन्मदिन पर नाटक आनंद मोहन माथुर सभागृह स्कीम नंबर 54 में खेला गया। नाटक में बताया गया कि एक पिता अपनी पुत्री मुन्नीबाई का विवाह उससे दुगनी उम्र व्यक्ति से कर देता है।
शादी के बाद पति उस पर तरह-तरह के जुल्म ढाहाता है और फिर उसे कोठे पर बेच देता है । इन सब बातों से अनभिज्ञ युवती को तवायफ बना दिया जाता है। शिव भक्त मुन्नी बाई को समाज सभ्य व्यक्ति मंदिर में पूजा करने पर आपत्ति लेते हैं। विरोध करने वाले ये वही लोग हैं जो रात को कोठे पर मुजरा देखने आते हैं। तवायफ की जिंदगी से मुन्नी बाई बाहर निकल कर एक अच्छा जीवन जीना चाहती है लेकिन समाज के यही ठेकेदार उसे सभ्य महिला बनने में अड़ंगे डालते हैं। अंत में मुन्नी बाई अकेले ही समाज से लड़ते हुए सबको हराते हुए अपनी जंग जीत जाती है। नाटक में मनीषा मिश्रा ,गीतांजलि सांवरिया, राखी सांखला, रमेश विद्यार्थी, माही गौतम, संजय शर्मा, मनीष त्रिवेदी , तनय कसेरा,निर्मल जैन, विष्णु गुरुदेव, रवि कृष्णा, ओम प्रकाश सोमानी , गीतांशी प्रजापत, स्वाति मोहे, तनीषा वर्मा ,जानवी प्रजापत की अच्छी भूमिका रही। संगीत विजय ओहवाल का था।