Viral Video: जेल से बाहर आते ही डायरेक्टर सनोज कुमार मिश्रा पहुंचे महाकाल, साथ दिखे ‘वायरल गर्ल’ Monalisa मोनालिसा
Viral Video: जेल से बाहर आते ही डायरेक्टर सनोज कुमार मिश्रा पहुंचे महाकाल, साथ दिखे ‘वायरल गर्ल’ Monalisa मोनालिसा
मुंबई: महाकुंभ की वायरल गर्ल मोनालिसा को बड़ी में पहचान दिलाने वाले डायरेक्टर सनोज कुमार मिश्रा हाल ही में जेल से रिहा हो गए हैं। उन पर एक महिला ने रेप केस के आरोप लगाए थे। हालांकि, अब कुछ दिनों के कारावास के बाद जेल से बाहर आ गए हैं। बाहर आते ही उन्हें मोनालिसा के साथ देखा गया, जहां वो उज्जैन में महाकाल दर्शन के दौरान स्पॉट हुए। अब मोनालिसा संग उनके वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं। इसके साथ ही इस दौरान सनोज मिश्रा को लोगों से संवाद करते और अपनी बात रखते हुए देखा गया। वीडियो में सनोज कुमार मिश्रा ने स्पष्ट कहा कि उन्हें झूठे केस में फंसाया गया था। उन्होंने दावा किया कि सच की जीत हुई है और यही वजह है कि उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया। उन्होंने आगे कहा कि अब वो अपने करियर की नई शुरुआत करना चाहते हैं और जल्द ही एक फिल्म की शूटिंग भी शुरू करेंगे।
सनोज कुमार मिश्रा ने सोशल मीडिया पर खुद यह वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने लिखा: देश देख रहा है किस तरह से साजिश कर झूठे आरोप में फंसाया गया, बाबा महाकाल के दरबार से ही जाकर मैने दिल्ली पुलिस में समर्पण किया था। वापस आकर भी उज्जैन से जीवन की शुरुआत हो रही है। बहुत जल्दी ही फिल्म की शूटिंग शुरू करूंगा। इस दौरान बाबा के दरबार में वायरल गर्ल मोनालिसा, मित्र महेंद्र लोधी, अनेक मित्र शुभचिंतक उपस्थित थे।
मोनालिसा ने जताई खुशी
सनोज कुमार मिश्रा के बाहर आने पर मोनालिसा भी भावुक और खुश नजर आईं। उनका कहना था कि मिश्रा के बिना वह खुद को अधूरा महसूस कर रही थीं और अब जब वह वापस आ चुके हैं, तो आगे का सफर फिर से शुरू किया जा सकता है।
पीड़िता बोली
शिकायत करने वाली युवती 21 मई को दिए गए अपने बयान में कहा कि आरोपी ने उसके साथ कभी रेप या कोई अपराध नहीं किया और वह पिछले पांच सालों से उसके साथ रिलेशनशिप में थी। उसने कुछ लोगों के उकसावे में आकर झूठी शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने यह भी कहा कि आरोपी को जमानत मिलने पर उसे कोई आपत्ति नहीं है। इसके बाद जस्टिस कठपालिया ने कहा कि अब आरोपी को जमानत न देने का कोई कारण नहीं बचता है। जज ने सनोज मिश्रा को ट्रायल कोर्ट, एरिया मजिस्ट्रेट या ड्यूटी मजिस्ट्रेट की संतुष्टि के लिए 10,000 रुपए की राशि का एक निजी बॉन्ड और उतनी ही राशि के एक जमानतदार पर रिहा करने का निर्देश दिया।