Madhya Pradesh : एक अध्ययन : इंदौर (Indore) में लगभग 40% वयस्कों की क्वालिटी ऑफ लाइफ है खराब
प्रोटीन वीक 2021 के दौरान शुरू किए गए एक अध्ययन में सामने आया
v डैनोन इंडिया और सीआईआई ने भारतीय वयस्कों के बीच जीवन गुणवत्ता पर अपनी तरह के पहले सर्वेक्षण के साथ लॉन्च किया प्रोटीन वीक
v यह सर्वेक्षण ग्लोबल रिसर्च एजेंसी IPSOS द्वारा आठ भारतीय शहरों में 2762 भारतीय वयस्कों के सैम्पल के साथ किया गया
v सर्वेक्षण के दौरान आहार संबंधी आकलन में पाया गया कि केवल 9 प्रतिशत उत्तरदाता ही दैनिक प्रोटीन आवश्यकता को पूरा कर पा रहे हैं, अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों के लिए भी इसी प्रकार की चिंता सामने आई
डैनोन इंडिया ने कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) के साथ मिलकर आज द प्रोटीन वीक ((TPW) के पांचवें संस्करण को लॉन्च किया। इसका आयोजन हर साल 24 से 30 जुलाई के बीच प्रोटीन, सूक्ष्म पोषक तत्वों – जो एक स्वस्थ और एक्टिव जीवन के लिए जरूरी हैं – के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए किया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के क्वालिटी ऑफ लाइफ सवालों और अतिरिक्त टूल्स पर आधारित क्वालिटी ऑफ लाइफ (QoL) सर्वेक्षण का आयोजन मई-जून 2021 के दौरान दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, चेन्नई, इंदौर, हैदराबाद, कोलकाता और पटना जैसे शहरों में 2762 भारतीय वयस्कों के बीच किया गया। ये सभी शहर भारत के 4 भौगोलिक क्षेत्रों- उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम का प्रतिनिधित्व करते हैं। क्वालिटी ऑफ लाइफ के 4 डोमेन – शारीरिक स्वास्थ्य, मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य, सामाजिक संबंध और पर्यावरण – के औसत प्रतिशत स्कोर के आधार पर और भारतीय वयस्कों को क्वालिटी ऑफ लाइफ को “अच्छा” या ”खराब” में वर्गीकृत करने के लिए कटऑफ प्वॉइंट तक पहुंचने पर, निम्नलिखित निष्कर्ष सामने आए हैं:
o लगभग दो भारतीय वयस्कों में से एक की क्वालिटी ऑफ लाइफ खराब है (46.2 प्रतिशत)
o भारत में, पुरुषों की तुलना में अधिक महिलाओं की क्वालिटी ऑफ लाइफ खराब है (50.4% vs 42%) और इसी प्रकार महिलाओं के शारीरिक स्वास्थ्य स्कोर पुरुषों की तुलना में कम है
o कोलकाता में खराब क्वालिटी-ऑफ-लाइफ स्कोर के साथ सबसे ज्यादा वयस्कों का प्रतिशत दर्ज किया गया (65%), इसके बाद चेन्नई (49.8%), दिल्ली (48.5%), पटना (46.2%), हैदराबाद (44.4%), लखनऊ (40%) और इंदौर (39.2%) का स्थान है। मुंबई में गुड क्वालिटी ऑफ लाइफ के सबसे अधिक वयस्कों का प्रतिशत (68%) दर्ज किया गया।
o पूरे भारत में लगभग सभी (99%) उत्तरदाता इस बात पर सहमत थे कि शारीरिक स्वास्थ्य और पोषण एक अच्छी क्वालिटी ऑफ लाइफ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जबकि लगभग 98 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना था कि प्रोटीन से भरपूर आहार गुड क्वालिटी ऑफ लाइफ के लिए महत्वपूर्ण है।
o पूरे देश में केवल 9 प्रतिशत उत्तरदाता प्रोटीन की दैनिक आवश्यकता (अनुशंसित आहार भत्ता) को पूरा करते हैं। 10 सूक्ष्म पोषक तत्वों के सेवन के लिए भी एक बड़ा अंतर देखा गया, जो प्रतिरक्षा तंत्र और समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।
सर्वेक्षण के निष्कर्षों पर बोलते हुए, हिमांशु बख्शी, मैनेजिंग डायरेक्टर, डैनोन इंडिया, ने कहा, “प्रोटीन वीक बातचीत करने और प्रोटीन के बारे में जागरूकता बढ़ाने वाला एक प्लेटफॉर्म है, जो इसे एक मुख्यधारा के सार्वजनिक स्वास्थ्य संवाद का हिस्सा बनाता है। इस साल, हमनें शारीरिक स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता पर पोषण के प्रभाव को स्थापित करने के उद्देश्य से भारतीय व्यस्कों के जीवन की गुणवत्ता का आकलन करने के लिए एक सर्वेक्षण किया है। शारीरिक स्वास्थ्य उन कारकों में से एक है, जो सही पोषण विकल्पों और सक्रिय रहने से प्रभावित हो सकता है। हालांकि, 90 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाता शारीरिक स्वास्थ्य और पोषण की भूमिका के बारे में जागरूक थे, केवल 9 प्रतिशत उत्तरदाता ही अपने आहार में पर्याप्त प्रोटीन ले रहे हैं, जो चिंताजनक है। सीआईआई और पोषण विशेषज्ञों के साथ हमारे सहयोग के माध्यम से हम भारतीय वयस्कों को जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने में पोषण और प्रोटीन की भूमिका के बारे में जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं। अपने विचार साझा करते हुए, सुश्री विनीता बाली, चेयरपर्सन, सीआईआई नेशनल कमेटी ऑन न्यूट्रिशन, ने कहा, “हम द प्रोटीन वीक के 5वें संस्करण के लिए डैनोना इंडिया के साथ सहयोग करने के लिए रोमांचित हैं। हाल ही में किए गए सर्वेक्षण के निष्कर्षों ने एक बार फिर हमारे शहरों में उच्च आय वर्ग के बीच पोषण की कमी को उजागर किया है। उपभोक्ताओं के रूप में हमारे द्वारा चुने गए विकल्पों के लिए व्यक्तिगत जिम्मेदारी लेने और, आपूर्ति पक्ष द्वारा पौष्टिक भोजन की अधिक उपलब्धता, सुलभता और किफायती बनाकर ही केवल इस समस्या से निपटा जा सकता है। सीआईआई में, हम इस चुनौती के समाधान के लिए निरंतर प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर कंपनियों, नियामकीय और विकास एजेंसियों, राज्य सरकारों और एनजीओं के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
पिछले कुछ वर्षों में जीवनशैली और पर्यावरण में हुए बदलावों ने हमारे जीवन की गुणवत्ता को बुरी तरह से प्रभावित किया है। खराब खान-पान, अनियमित नींद और भागदौड़ वाले जीवन ने इसमें एक भूमिका निभाई है लेकिन मौजूदा महामारी के साथ, स्वास्थ और कल्याण पर एक बार फिर से लोगों का ध्यान केंद्रित हुआ है। उचित आहार और पर्याप्त शारीरिक गतिविधि के माध्यम से एक स्वस्थ जीवनशैली को बनाए रखना महत्वपूर्ण है। यह भी महत्वपूर्ण है कि लोग इस बात से अवगत हों कि प्रोटीन और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित और पौष्टिक आहार अच्छी ताकत और गतिशीलता बनाए रखते हुए एक स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली में योगदान दे सकता है।