Jammu Kashmir : आतंकियों का साथ देने वाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ बड़ा Action
Jammu Kashmir : आतंकियों का साथ देने वाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ बड़ा Action
जम्मू: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने बड़ा एक्शन लिया है। एल.जी. मनोज सिन्हा ने राष्ट्र विरोध गतिविधियों में शामिल 2 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। जानकारी के अनुसार कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों द्वारा नोटिस में कर्मचारियों की राष्ट्र विरोध गतिविधियों में संलिप्तता पाई गई थी। इस नोटिस में साफ जाहिर था कि कर्मचारियों का आतंकवाद से लिंक जुड़ा हुआ है। बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस विभाग में सहायक वायरलेस ऑपरेटर बशारत अहमद मीर पुत्र गुलाम मोहम्मद मीर निवासी अपर ब्रेन जिला श्रीनगर एजेंसियों से विश्वसनीय इनपुट के आधार पर खुफिया रडार के तहत था। खुफिया एजेंसी को यह इनपुट मिली थी कि आरोपी पाकिस्तान खुफिया ऑपरेटिव के साथ लगातार संपर्क में था। एक प्रशिक्षित पुलिस अधिकारी होने के नाते वह एक संवेदनशील स्थान पर तैनात था। उसके पास राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी तक पहुंच थी लेकिन एक पुलिस अधिकारी की जिम्मेदारी निभाने के बजाय उसने विरोधी के हाथों में खेलने वाला एक सक्रिय माध्यम बनना चुना। उसके कामों ने भारत के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा पैदा कर दिया।
वहीं इश्तियाक अहमद मलिक पुत्र स्वर्गीय गुलाम रसूल मलिक अहमद निवासी शित्रू लार्नू जिला अनंतनाग, लोक निर्माण (आर एंड बी) विभाग में वरिष्ठ सहायक के रूप में कार्यरत था। उसे प्रतिबंधित गैरकानूनी संघ (जे.ई.आई.-जे.के.) के सक्रिय सदस्य और प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिजबुल-मुजाहिदीन के आतंकवादी सहयोगी के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। आरोपी ने जे.ई.आई. के एक प्रमुख पदाधिकारी के रूप में अपने प्रभाव क्षेत्र में संगठन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उसने समर्थकों का एक नेटवर्क बनाने में भी मदद की जो बाद में हिजबुल मुजाहिदीन आतंकी संगठन के ओवरग्राउंड वर्कर और पैदल सैनिक बन गए। ये वर्कर और सैनिक भारतीय सुरक्षाबलों, राजनेताओं, सरकारी पदाधिकारियों, नागरिकों, सैन्य प्रतिष्ठानों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर आतंकवादी हमलों की श्रृंखला में शामिल रहे हैं।