government came into action after Mohan Bhagwat comment

मोहन भागवत की टिप्पणी के बाद एक्शन में आई केंद्र सरकार

 

मोहन भागवत की टिप्पणी के बाद एक्शन में आई केंद्र सरकार
मणिपुर पर गृह मंत्री शाह ने अधिकारियों संग की हाईलेवल मीटिंग

UNN: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा की ताजा घटनाओं के मद्देनजर जातीय हिंसा प्रभावित मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। सूत्रों ने बताया कि उच्च स्तरीय बैठक में शाह को शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने राज्य की मौजूदा स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी दी। राज्य की राज्यपाल अनुसुइया उइके से यहां मुलाकात के एक दिन बाद गृह मंत्री ने मणिपुर की स्थिति का जायजा लिया।
माना जा रहा है कि उइके ने उन्हें वहां की कानून-व्यवस्था की स्थिति से अवगत कराया था। हाल ही में राजधानी इंफाल और जिरीबाम में ताजा हिंसा की खबरें आई थीं। सूत्रों ने बताया कि केंद्र जिरीबाम जैसे नए इलाकों में फैल रही हिंसा को लेकर चिंतित है, जो पिछले एक साल से काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा है। बैठक के दौरान मणिपुर सरकार के प्रतिनिधियों ने कहा कि जिन इलाकों में ताजा हिंसा की सूचना मिली है, वहां पर्याप्त बल तैनात किए गए हैं।
बैठक में राज्य सरकार की ओर से मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव सिंह और मुख्य सचिव विनीत जोशी शामिल हुए। लेकिन मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह बैठक में मौजूद नहीं थे। घंटे भर चली बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक तपन डेका, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, भावी सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बहुसंख्यक मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में राज्य के पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के बाद 3 मई, 2023 को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क उठी थी। तब से जारी हिंसा में कुकी और मेइती समुदायों तथा सुरक्षा बलों के 220 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने 10 जून को मणिपुर में एक साल के बाद भी शांति नहीं कायम होने पर चिंता जताई थी। भागवत ने नागपुर में स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मणिपुर पिछले एक साल से शांति स्थापित होने की प्रतीक्षा कर रहा है। दस साल पहले मणिपुर में शांति थी। ऐसा लगा था कि वहां बंदूक संस्कृति खत्म हो गई है, लेकिन राज्य में अचानक हिंसा बढ़ गई है।” उन्होंने कहा, ‘‘मणिपुर की स्थिति पर प्राथमिकता के साथ विचार करना होगा। चुनावी बयानबाजी से ऊपर उठकर राष्ट्र के सामने मौजूद समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है।” आरएसएस प्रमुख ने कहा कि अशांति या तो भड़की या भड़काई गई, लेकिन मणिपुर जल रहा है और लोग इसकी तपिश का सामना कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Releated

बस्तर सहित पूरे भारत से नक्सलवाद 31 मार्च 2026 तक खत्म हो जायेगा: शाह

बस्तर सहित पूरे भारत से नक्सलवाद 31 मार्च 2026 तक खत्म हो जायेगा: शाह ० केन्द्रीय गृह अमित शाह ने बस्तर ओलिंपिक के समापन समारोह को संबोधित किया ० अगले 5 साल में बस्तर संभाग देश का सबसे विकसित आदिवासी संभाग बनेगा ० नक्सलवाद छोड़कर 700 से अधिक युवाओं का बस्तर ओलंपिक 2025 से जुड़ना […]

ईरान में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नरगिस मोहम्मदी फिर गिरफ्तार

ईरान में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नरगिस मोहम्मदी फिर गिरफ्तार -एक्टिविस्ट खोसरो अलिकोरदी की शोक सभा में शामिल होने गई थीं तेहरान । ईरान में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट नरगिस मोहम्मदी को गिरफ्तार किया गया है। नगरिस मशहद शहर में एक्टिविस्ट खोसरो अलिकोरदी की एक शोक सभा में शामिल होने गई […]