भाजपा का ‘अल्पसंख्यक प्लान’ – विरोधी दलों के बेस वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी
नई दिल्ली । भाजपा को आमतौर पर हिंदूवादी पार्टी माना जाता रहा है। हालांकि 2014 में केंद्र की सत्ता में आने के बाद से ही नरेंद्र मोदी सरकार लगातार सबका साथ-सबका विश्वास के नारे को लेकर बिना किसी भेदभाव के सरकार चलाने का दावा करती रही है। भाजपा के तमाम आला नेता सार्वजनिक मंचों से लगातार यह दावा भी करते रहते हैं कि उनकी सरकारों का मूल मंत्र ‘विकास सबका लेकिन तुष्टिकरण किसी का नहीं’ है।
यही वजह है कि भाजपा लगातार अपनी पार्टी को सभी समुदायों और वर्गों की पार्टी साबित करने का प्रयास कर रही है। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने अल्पसंख्यक समुदाय खासकर मुस्लिम समुदाय के साथ जुड़ने के लिए खास प्लान तैयार किया है।
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा को देशभर में 6 से 8 जून के बीच तीन दिवसीय विशेष अभियान चलाने और इसके तहत अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़ने का निर्देश दिया है। नड्डा ने मोर्चा के नेताओं और कार्यकतार्ओं को ‘अल्पसंख्यकों के साथ बातचीत’ की मुहिम के तहत इन तीनों दिनों में अल्पसंख्यक समाजों के बीच जाने, उनके साथ संवाद करने और भाजपा सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के हितों में उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी देने का निर्देश दिया है।