केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, कोरोना से मरने वालों के परिवार को 4 लाख मुआवजा देने पर विचार

 

नई दिल्ली। केंद्र ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि वह कोविड-19 के कारण जान गंवाने वालों के परिवार के सदस्यों को चार लाख रुपये का आर्थिक मुआवजा देने की याचिका पर विचार कर रहा है। केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायाधीश अशोक भूषण और एम. आर. शाह की पीठ के समक्ष कहा कि जनहित याचिकाओं में उठाया गया मुद्दा महत्वपूर्ण है और सरकार इस मामले में अपना जवाब दाखिल करेगी। मेहता ने कहा कि सरकार एक राष्ट्रीय नीति पर विचार कर रही है। उन्होंने इस संबंध में जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा। पीठ ने पूछा कि दो सप्ताह की आवश्यकता क्यों है, जिस पर मेहता ने उत्तर दिया कि कोरोना के प्रबंधन से जुड़े दूसरे मामलों में व्यस्तता के चलते पूरी मशीनरी कुछ अतिरिक्त दबाव है, जिसके चलते इसमें कुछ समय लग गया। मामले में पेश हुए एक वकील ने कहा कि ब्लैक फंगस के कारण होने वाली मौत भी कोविड का परिणाम है, इसलिए मृत्यु प्रमाण पत्र में इस कारण का उल्लेख होना चाहिए। इस पर मेहता ने इस बात को सही बताते हुए उन्हें आशवस्त किया कि इस पहलू को भी देखा जा रहा है और इसका भी समाधान निकाला जाएगा। मामले में संक्षिप्त सुनवाई के बाद, पीठ ने कहा, केंद्र ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का कहना है कि मुद्दों पर विचार किया जा रहा है और जवाब दायर किया जाएगा। इसलिए इन याचिकाओं को 21 जून के लिए सूचीबद्ध किया जा रहा है। अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल और रीपक कंसल द्वारा दो जनहित याचिकाएं दायर की गई थीं, जिसमें कोविड पीड़ितों के परिवारों को चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि के भुगतान के लिए अदालत के हस्तक्षेप की मांग की गई है।

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