उदयपुर में हजारों लोगों ने निकाला मौन मार्च, कन्हैया लाल के हत्यारों को फांसी देने की मांग की

 

जयपुर। उदयपुर के हजारों निवासियों ने मंगलवार को दो हमलावरों द्वारा कन्हैया लाल की उनकी दुकान के अंदर दिनदहाड़े सिर काटने से आक्रोशित होकर गुरुवार को कर्फ्यू के बीच मौन मार्च निकाला और मौत की सजा की मांग की। तख्तियों और भगवा झंडों के साथ उदयपुर और उसके आसपास के क्षेत्रों के हजारों लोगों ने मौन मार्च में भाग लिया। रैली नगर निगम परिसर से निकलकर सूरजपोल, बापू बाजार, बैंक तिराहा और देहली गेट होते हुए जिला कलेक्ट्रेट पहुंची और कन्हैया लाल के हत्यारों को फांसी की सजा की मांग की। यह मार्च लगभग 2.5 किमी लंबा था, जिसमें लोग कंधे से कंधा मिलाकर चलते हुए दिखे। विरोध का नेतृत्व मेवाड़ के संत समाज ने किया। अशोक गहलोत सरकार को बर्खास्त करने, राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने, एनआईए से मामले की जांच कराने, हत्यारों को मौत की सजा देने, राजस्थान में रह रहे राष्ट्रविरोधी तत्वों की पहचान करने वाले सिमी और पीएफआई जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाना और मृतक के परिजनों को सहयोग देना की मांग को लेकर संत समाज ने जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शनकारियों ने कन्हैया लाल के दोनों बेटों के लिए 5 करोड़ रुपये मुआवजा और सरकारी नौकरी, मृतक को बचाने के दौरान घायल हुए साथी का इलाज, पीड़िता के पूरे परिवार को पूरी सुरक्षा देने की भी मांग की। जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने कहा कि आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और लापरवाही करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है। आरोपियों के संपर्कों की भी जांच की जा रही है।

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