राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अध्यक्ष डॉ. मोहन भागवत ने मणिपुर में शांति बहाली की अपील की
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अध्यक्ष डॉ. मोहन भागवत ने मणिपुर में शांति बहाली की अपील की
कहा- मणिपुर एक साल से देख रहा शांति की राह, प्राथमिकता से करना होगा विचार
नई दिल्ली । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आर.एस.एस.)कार्यकर्ता विकास वर्ग समापन समारोह में मोहन भागवत ने कहा कि उत्तर पू्र्व राज्य मणिपुर एक साल से हिंसा की आग में जल रहा है। 3 मई 2023 को घाटी में जातीय हिंसा भड़की थी। तब से हिंसक घटनाएं सामने आती रहती हैं। उन्होंने शांति बहाली की अपील करते हुए कहा, मणिपुर एक साल से शांति की राह देख रहा है। इसे प्राथमिकता से करने पर विचार करना चाहिए। भागवत के इस बयान को केंद्र की मोदी सरकार के लिए बड़े संदेश के तौर पर देखा जा रहा है। आरएसएस कार्यकर्ता विकास वर्ग समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा, इस बार भी हमने अपने लोकमत जागरण का काम किया है। वास्तविक सेवक मर्यादा का पालन करते हुए चलता है। अपने कर्तव्य को कुशलता पूर्वक करना आवश्यक है। भागवत ने कहा, काम करें, लेकिन इसे मैंने करके दिखाया… इसका अहंकार हमें नहीं करना चाहिए। जो ऐसा करता है, वही असली सेवक है।
मोहन भागवत ने कहा, काम करते सब लोग हैं, लेकिन काम करते समय मर्यादा का पालन करना चाहिए. मर्यादा ही अपना धर्म और संस्कृति है। उस मर्यादा का पालन करके जो चलता है, वो कर्म करता है, लेकिन कर्मों में लिप्त नहीं होता। उसमें अहंकार नहीं आता कि मैंने किया है, वो ही सेवक कहलाने का अधिकारी रहता है। डॉ. भागबत ने कहा, भगवान ने सबको बनाया है। भगवान की बनाई दुनिया के प्रति अपना भावना क्या होनी चाहिए । ये सोचने का विषय है। सोच समझकर जो समय के प्रवाह में विकृति आई हैं। उसे हटाकर ये जानकर कि मत अलग हो सकता है, तरीके अलग हो सकते हैं, सब अलग हो सकता है। लेकिन हमें इस देश को अपना मानकर उसके साथ भक्तिपूर्ण संबंध स्थापित करना चाहिए। इस देश के लोग भाई-भाई हैं। हमें इस बात को अपने विचारों और कामों में लाना होगा।