दोस्तों कई सालों की मेहनत, संघर्ष और धैर्य का परिणाम आखिरकार सामने आ रहा है…
दोस्तों कई सालों की मेहनत, संघर्ष और धैर्य का परिणाम आखिरकार सामने आ रहा है…
“Sant Tukaram (2025)” — एक ऐतिहासिक, भक्ति और आत्मा को छू लेने वाली फिल्म,
जो न सिर्फ एक संत की कथा कहती है, बल्कि समाज को आइना भी दिखाती है।
इस फिल्म का निर्देशन किया है आदित्य ओम ने,
जिन्होंने भारतीय अध्यात्म को सिनेमाई भाषा में बखूबी उकेरा है।
फिल्म में अभिनय किया है सुभोध भावे, संजय मिश्रा, अरुण गोविल जैसे दिग्गजों ने,
लेकिन आज मैं जिस शख्स का ज़िक्र करना चाहता हूँ,
वो है – गौरीशंकर।
सालों से एक्टिंग करते आ रहे हैं, मंच पर, पर्दे के पीछे, छोटे-बड़े किरदारों में…
लेकिन पहली बार, एक ऐसी फिल्म का हिस्सा बने हैं जो उन्हें सिर्फ पहचान नहीं —
बल्कि सम्मान और नई उड़ान दे रही है।
गौरीशंकर की ईमानदारी, उनकी परफॉर्मेंस और उनका समर्पण इस फिल्म में अलग ही नजर आता है।
शायद यही कारण है कि इस बार वो सिर्फ किरदार नहीं निभा रहे —
बल्कि एक विचार, एक चेतना को जी रहे हैं।
दोस्तों, जब Sant Tukaram 18 जुलाई को सिनेमाघरों में आए,
तो सिर्फ एक फिल्म देखने मत जाना —
एक ऐसे कलाकार की सालों की मेहनत को सलाम करने भी जाना,
जिसका नाम है — गौरीशंकर।
