MP: एकात्म धाम प्रकल्प के लिए संकल्पित हैं मध्य प्रदेश सरकार: धर्मेंद्र सिंह लोधी

एकात्म धाम प्रकल्प के लिए संकल्पित हैं मध्य प्रदेश सरकार: धर्मेंद्र सिंह लोधी

नर्मदा तट पर एकात्म पर्व का भव्य शुभारंभ

ओंकारेश्वर में गूंजा अद्वैत और एकात्मता का स्वर

आचार्य शंकर की गुरुभूमि में एकात्म पर्व का हुआ शुभारंम

इंदौर : ओंकारेश्वर में माँ नर्मदा के पवित्र तट पर सोमवार को पंचदिवसीय एकात्म पर्व का भव्य शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक अनुष्ठान और कलश यात्रा से हुई, जो पारंपरिक वाद्य यंत्रों और संकीर्तन के साथ ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग और गुफा मंदिर के दर्शन के लिए पहुंची और फिर अभय घाट पर संपन्न हुई। यात्रा के समापन के बाद मांधाता पर्वत स्थित एकात्म धाम में शुभारंभ समारोह आयोजित किया गया, कार्यक्रम में संस्कृति मंत्री श्री धर्मेंद्र लोधी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, उन्होंने वक्तव्य देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश सरकार एकात्म धाम प्रकल्प के लिए संकल्पित हैं।
श्री शङ्कर भगवत्पाद के जीवन-दर्शन के माध्यम से सम्पूर्ण विश्व में एकात्म भाव के जागरण हेतु मध्यप्रदेश शासन द्वारा ओंकारेश्वर में ‘एकात्म धाम’ का सृजन किया जा रहा है। इस प्रकल्प के अन्तर्गत आदि शङ्कराचार्य की 108 फीट ऊँची बहु-धातु प्रतिमा ‘एकात्मता की मूर्ति’, आचार्य शङ्कर के जीवन तथा दर्शन पर आधारित संग्रहालय ‘अद्वैत लोक’ एवं अद्वैत वेदान्त दर्शन के अध्ययन, शोध एवं विस्तार हेतु ‘आचार्य शङ्कर अन्तरराष्ट्रीय अद्वैत वेदान्त संस्थान’ की स्थापना की जा रही है।
समग्र दिवस में अनेक संतों का दिव्य संगम रहा, जिनमें महामंडलेश्वर स्वामी विवेकानंद पुरी, माँ पूर्णप्रज्ञा, स्वामी वेदत्वानंद पुरी, स्वामी योग प्रताप सरस्वती, स्वामिनी सद्विद्यानंद सरस्वती, स्वामी शैलेंद्र सरस्वती, स्वामी भूमानंद सरस्वती प्रमुख रहे।“अद्वैतामृतम्” सत्र की श्रृंखला में ‘ओंकार’ विषय पर माँ पूर्णप्रज्ञा ने साधकों को संबोधित करते हुए कहा कि दार्शनिक सत्य की प्राप्ति के लिए गुरु की शरण अत्यंत आवश्यक है। इसी उद्देश्य से आदि शंकराचार्य ने सुदूर दक्षिण से ओंकार पर्वत तक की कठिन यात्रा की थी। माँ पूर्णप्रज्ञा ने आगे बताया कि चित्त की आसक्ति से निवृत्ति के बिना वैराग्य संभव नहीं है। आत्मा प्रत्यक्ष है और ब्रह्म परोक्ष प्रतीत होता है, लेकिन वास्तव में आत्मा ही चैतन्य स्वरूप है — यही अद्वैत वेदांत का सार है।
अद्वैत का अर्थ किसी मत का तिरस्कार नहीं, बल्कि वैचारिक मतभेदों का शमन है।
ॐकार का अर्थ प्रत्येक जीव में अभिन्यता और समस्त आकृतियों का परिष्कार है। मांडूक्य उपनिषद में इस गूढ़ रहस्य का सुंदर वर्णन मिलता है। अतः ॐकार में लीन होकर ही प्रणव अवस्था प्राप्त की जा सकती है, क्योंकि एक व्यक्ति के चित्त की शांति सम्पूर्ण ब्रह्मांड को प्रभावित करती है। यह दार्शनिक सत्य ही सनातन संस्कृति की मूल आत्मा है।
स्वामी विवेकानंद पुरी ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह भूमि आद्य शंकराचार्य की गुरु भूमि है, और यहाँ उनका पुनः प्रतिष्ठित होना अत्यंत गौरव और आनंद का विषय है। संवाद सत्रों के दौरान संतों ने देश-विदेश से आए प्रतिभागियों के जिज्ञासा समाधान हेतु शंकरदूत दीक्षा प्रक्रिया का मार्गदर्शन किया।
परमार्थ साधक संघ के स्वामी प्रणव चैतन्य पुरी ने “अद्वैतामृतम्” सत्र में आचार्य शंकर के जीवन और दर्शन पर विस्तृत प्रकाश डाला, जिसमें उन्होंने आचार्य शंकर के सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और वैश्विक एकात्मता में योगदान को रेखांकित किया। मार्कंडेय संन्यास आश्रम के स्वामी प्रवानंद सरस्वती ने मार्कंडेय संन्यास परंपरा के ऐतिहासिक संदर्भों पर प्रकाश डाला।
सुमधुर स्तोत्र गायन से झूम उठे श्रोता
एकात्म पर्व के प्रथम दिवस के समापन पर सुप्रसिद्ध स्तोत्र गायिका और प्रशिक्षक माधवी मधुकर झा द्वारा आचार्य शंकर रचित स्तोत्रों का मधुर गायन प्रस्तुत किया गया। उनके स्वर में कल्याण वृष्टि स्तोत्र, लिंगाष्टकम्, भज गोविंदम, अर्धनारीश्वर स्तोत्र आदि की प्रस्तुतियाँ हुईं, जिसने उपस्थित श्रोताओं को भक्ति में सराबोर कर दिया।
एकात्म पर्व के अंतर्गत अद्वैत लोक प्रदर्शनी, अद्वैत शारदा पुस्तक स्टॉल और वैदिक अनुष्ठान जैसी विविध गतिविधियाँ मांधाता पर्वत पर प्रतिदिन आयोजित की जा रही हैं, जो सभी आगंतुकों के लिए अद्वैत वेदांत और सनातन संस्कृति का जीवंत अनुभव प्रदान कर रही हैं। आज भी अद्वैत वेदांत पर आधारित संवाद सत्रों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन जारी रहेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Releated

State Press Club, M.P. – यदि नाटक तक दर्शक नहीं पहुंच पा रहे हैं, तो नाटक दर्शक तक पहुंचे: योगेश सोमण – Yogesh Soman

State Press Club, M.P. – यदि नाटक तक दर्शक नहीं पहुंच पा रहे हैं, तो नाटक दर्शक तक पहुंचे: योगेश सोमण #YogeshSoman योगेश सोमण (Yogesh Soman) ने स्टेट प्रेस क्लब,मप्र (State Press Club, M.P.) के ‘रूबरू’ कार्यक्रम में इंदौर। जाने-माने लेखक,रंगमंच प्रशिक्षक, दिग्दर्शक और छोटे से बड़े पर्दे के बड़े कलाकार योगेश सोमण ने कहा […]

कहानियों में छिपे जीवन के संदेश – गीतांजलि कौल – Geetanjali Kaul

कहानियों में छिपे जीवन के संदेश – गीतांजलि कौल Life Hidden Messages in Stories – Geetanjali Kaul Enchanting Storytelling Session by Geetanjali Kaul Captivates Young Minds at Satva • सत्त्व स्कूल में मुंबई से आई गीतांजलि कौल की कहानी सुनाने की अनूठी शैली ने बच्चों को किया मंत्रमुग्ध इंदौर – सत्त्व स्कूल में हाल ही […]