95 year old Aghori Baba came to Maha Kumbh

prayagraj kumbh mela 2025: महाकुंभ में आए 95 साल के अघोरी बाबा की भविष्यवाणी ने सबको चौंकाया

चिता जल जाएगी और हवा काली हो जाएगी, गंगा रोयेगी, आंसू मैदानों पर गिरेंगे

महाकुंभ में आए 95 साल के अघोरी बाबा की भविष्यवाणी ने सबको चौंकाया

प्रयागराज । महाकुंभ में 95 साल के एक अघोरी बाबा ने सभी का ध्यान खींच रखा है। बाबा का नाम कालपुरुष है। उनका भस्म से सना चेहरा देखकर हर कोई हैरान रह जाता है। उनके हाथों में एक इंसानी खोपड़ी रहती है, जिससे वह पानी पीते हैं। बताया जाता है कि हिमालय में ध्यान लगाने से उनकी आवाज ऊंची हो गई है। इस अघोरी बाबा ने ऐसी भविष्यवाणी की जिससे सभी चौंक गए। वे अपनी ऊंची आवाज में कहते हैं, ‘चिता जल जाएगी और हवा काली हो जाएगी। नदी को वह सब याद है, जो आदमी भूल गया है। जब गंगा रोयेगी तो उसके आंसू मैदानों पर गिरेंगे। यह शुरू हो गया है।
बाबा कालपुरुष बैठे हुए सामने संगम मैदान की ओर इशारा करते हुए कहते हैं कि मैं पिछले सात महाकुंभों में आया हूं। हर बार मैं इस क्षेत्र में चला हूं, लेकिन इस बार संकेत अलग मिल रहे हैं। दाह संस्कार स्थल पर कौवे एक अलग ही गाना गा रहे हैं। मुर्दे ज्यादा बेचैन हैं। अघोरी बाबा कहते हैं- धरती अपनी सांसें बदल रही है। इसके साथ ही वे राख से पवित्र प्रतीक बनाते हैं और कहते हैं, ‘जब नदी अपना रास्ता बदलेगी, तो शहरों को एहसास होगा कि वे उधार की जमीन पर बसे हैं। अगले चार साल वह आकार देंगे जिसे मनुष्य स्थायी या शाश्वत मानता है।
बाबा कालपुरुष की कई भविष्यवाणियां पानी पर केंद्रित हैं। पानी की कमी और आपदाओं पर आधारित हैं, जो कई बार सटीक साबित हुई हैं। वह कहते हैं, ‘पहाड़ अपना बर्फ छोड़ देंगे। पहले धीरे-धीरे, फिर एक साथ पवित्र नदियां नए रास्ते खोजेंगी। कई मंदिर धरती पर लौट आएंगे। बाबा कालपुरुष ने सबसे अहम भविष्यवाणी महाकुंभ पर की है। वह कहते हैं, ‘यह संगम बदल जाएगा। नदी बह रही है। समय के साथ संगम को नया स्थान मिलेगा। जहां आज रण है, भविष्य की पीढ़ी वहां कुंभ का आयोजन करेगी। हालांकि बाबा कालपुरुष की भविष्यवाणियों में किसी विनाश का जिक्र नहीं किया गया है। वह फर्राटेदार अंग्रेजी में भविष्यवाणी करते हैं। आने वाला परिवर्तन पृथ्वी पर नहीं होगा।
युवा पीढ़ी वह याद रखेगी जो मध्य पीढ़ी भूल गई है। अब जन्म लेने वाले बच्चों को वह याद होगा जो हम भूल चुके हैं। वे हवा को समझेंगे। उन्हें पता चल जाएगा कि पृथ्वी कब घूमने वाली है। युवा पीढ़ी फिर से आसमान को पढ़ना सीखेगी। अमावस्या की रात को की गई उनकी भविष्यवाणियां आने वाले समय की एक जटिल तस्वीर पेश करती हैं। हालांकि उनकी ये भविष्यवाणियां कितनी सच होती हैं या नहीं, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

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