उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करती दिखाई दे रही भाजपा : सर्वे
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाला गठबंधन 229 सीटें जीत सकता है। एबीपी-सीवोटर बैटल फॉर स्टेट्स में सामने आए निष्कर्षों से यह संभावना बनती दिख रही है। सर्वे के अनुसार, 10 फरवरी से 7 मार्च तक सात चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा 229 सीटों पर कब्जा कर सकती है। मतों की गिनती 10 मार्च को होगी। हालांकि यह संख्या 2017 के आंकड़ों की तुलना में 96 कम है, लेकिन सर्वेक्षण के अनुसार, 403 सीटों वाली उत्तर प्रदेश विधानसभा में अभी भी भाजपा को एक सहज साधारण बहुमत मिल जाएगा। समाजवादी पार्टी (सपा) के नेतृत्व वाले गठबंधन को 151 सीटें मिलने का अनुमान है और पार्टी 2017 के परिणामों की तुलना में 103 सीटों की बड़ी छलांग लगाती दिख रही है। लेकिन वह अभी भी बहुमत से कोसों दूर दिखाई दे रही है। सर्वेक्षण में उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों से आने वाले 61,802 लोग शामिल हुए। नवीनतम ऑपिनियन पोल के अनुसार, अखिलेश यादव के नेतृत्व वाला समाजवादी पार्टी गठबंधन 2017 के चुनावों में वास्तविक 23.6 प्रतिशत वोट शेयर से अनुमानित 33.5 प्रतिशत वोट शेयर के साथ उल्लेखनीय सुधार कर सकता है। हालांकि पार्टी 35 प्रतिशत के आंकड़े को पार करती नहीं दिखाई दे रही है, जो कि भाजपा को नीचे लाने के लिए महत्वपूर्ण है। भाजपा ने 41.5 प्रतिशत के अनुमानित वोट शेयर के साथ, नवीनतम अनुमानों में भी 2017 के विधानसभा चुनावों में अपने 41 प्रतिशत वोट शेयर को बरकरार रखा है। सर्वे के नतीजों पर गौर करें तो बीजेपी के लिए मुसीबत इसलिए कम दिखाई दे रही है, क्योंकि उसने अपना वोट शेयर 40 फीसदी से नीचे नहीं जाने दिया है। यह देखना होगा कि कितने काम पर खरा नहीं उतरने वाले विधायकों को टिकट से वंचित किया जाता है, क्योंकि उत्तर प्रदेश में मौजूदा विधायकों के खिलाफ अधिकतम सत्ता विरोधी लहर काम कर रही है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभियान को जोड़ दें तो कुल मिलाकर बीजेपी इस समय रिकवरी की राह पर है। मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 43 प्रतिशत लोग मुख्यमंत्री के रूप में पसंद करते हैं, जबकि अखिलेश यादव को 34 प्रतिशत मतदाताओं का समर्थन प्राप्त है। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती 14 प्रतिशत के साथ काफी पीछे हैं, जबकि तीन प्रतिशत लोग प्रियंका गांधी के नाम को सुझा रहे हैं। मायावती और बसपा का इस दौड़ में बड़े दावेदार के तौर पर न होना उनके समर्थकों के लिए चौंकाने वाला है। बसपा का वोट शेयर 2017 में 22.2 प्रतिशत से गिरकर 2022 के चुनावों में अनुमानित 12.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। अगर ये अनुमान काफी हद तक खरे उतरते हैं तो उत्तर प्रदेश में बसपा एक बड़ी गिरावट की ओर अग्रसर पार्टी कही जा सकती है।