China started construction of world's largest dam on Brahmaputra

चीन ने तिब्बत में ब्रह्मपुत्र पर शुरू किया दुनिया का सबसे बड़ा बांध निर्माण, जानिए भारत की चिंता क्यों बढ़ी?

चीन ने तिब्बत में ब्रह्मपुत्र पर शुरू किया दुनिया का सबसे बड़ा बांध निर्माण, जानिए भारत की चिंता क्यों बढ़ी?

UNN: चीन ने तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर एक विशाल बांध का निर्माण शुरू कर दिया है। यह प्रोजेक्ट दुनिया का सबसे बड़ा बांध बनने वाला है, जिसकी लागत करीब 167.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। इस प्रोजेक्ट का आकार चीन के पहले बनाए गए थ्री गॉर्जेस बांध से भी कहीं बड़ा होगा। चीन ने इसे तिब्बत के न्यिंगची शहर के पास ब्रह्मपुत्र नदी के निचले हिस्से में शुरू किया है। इस विशाल बांध के कारण भारत में सुरक्षा और पर्यावरण की चिंताएं तेज हो गई हैं। आइए जानते हैं इस प्रोजेक्ट और भारत के लिए इसकी संभावित चुनौतियों के बारे में विस्तार से।

दुनिया के सबसे बड़े बांध का प्रोजेक्ट
चीन के इस नए बांध का निर्माण तिब्बत के न्यिंगची क्षेत्र में ब्रह्मपुत्र नदी पर हो रहा है। यह बांध पांच हाइड्रो पावर स्टेशनों का समूह होगा, जिसकी कुल लागत लगभग 1.2 ट्रिलियन युआन यानी 167.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर आंकी गई है। इसे चीन का सबसे बड़ा और दुनिया का सबसे विशाल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट माना जा रहा है। यह प्रोजेक्ट थ्री गॉर्जेस बांध से भी बड़ा होगा, जिसे अब तक विश्व का सबसे बड़ा बांध माना जाता था। चीन ने 2015 में तिब्बत में जम हाइड्रो पावर स्टेशन शुरू कर दिया था, जिसकी लागत 1.5 बिलियन डॉलर थी। उस प्रोजेक्ट के बाद यह नया बांध उससे भी कई गुना बड़ा है। इसे चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग ने न्यिंगची में भूमि पूजन के साथ औपचारिक रूप से शुरू किया।

चीन के लिए इस बांध का महत्व
इस हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट से हर साल 300 बिलियन किलोवाट घंटे से अधिक बिजली उत्पन्न होने की उम्मीद है। इतनी बिजली से लगभग 300 मिलियन लोगों की ऊर्जा की जरूरतें पूरी हो सकेंगी। यह बिजली मुख्य रूप से बाहरी खपत के लिए बनाई जा रही है, साथ ही तिब्बत क्षेत्र की स्थानीय ऊर्जा मांग को भी पूरा करेगी। चीन के लिए यह प्रोजेक्ट आर्थिक और रणनीतिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। इससे न केवल ऊर्जा उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि ब्रह्मपुत्र नदी के जल संसाधनों पर चीन की पकड़ भी मजबूत होगी। इस बांध से चीन अपनी सीमा के नजदीक बड़ी जल शक्ति का नियंत्रण हासिल करेगा, जो सीमावर्ती देशों के लिए चिंता का विषय है।

भारत के लिए क्यों बढ़ रही हैं चिंताएं?
भारत के लिए इस बांध का निर्माण कई तरह की चिंताएं लेकर आया है। ब्रह्मपुत्र नदी भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में अरुणाचल प्रदेश और बाद में बांग्लादेश से होकर गुजरती है। चीन के इस नए बांध से भारत को जल प्रवाह में बाधा आने की आशंका है। सबसे बड़ी चिंता यह है कि चीन इस बांध के माध्यम से जल प्रवाह को नियंत्रित कर सकता है। युद्ध या तनाव की स्थिति में वह इस बांध से पानी रोक सकता है या अचानक बड़ी मात्रा में पानी छोड़ सकता है, जिससे अरुणाचल प्रदेश और आसपास के इलाकों में बाढ़ आ सकती है। भारत भी अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मपुत्र पर बांध बना रहा है, इसलिए यह मुद्दा और संवेदनशील हो जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Releated

मुंबई में अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का पर्दाफाश, अमेरिका-कनाडा के लोगों को ठगा

मुंबई में अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का पर्दाफाश, अमेरिका-कनाडा के लोगों को ठगा -5 आरोपी गिरफ्तार, 2 लैपटॉप, 11 मोबाइल, 76,000 नगदी बरामद मुंबई । मुंबई की मुलुंड पुलिस ने साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश किया है। मुलुंड पश्चिम के एक आवासीय फ्लैट में चल रहे फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर पर छापेमारी कर पुलिस ने पांच आरोपियों […]

MP Tech Growth Conclave 2.0 : स्पेस टेक पॉलिसी-2025 शीघ्र होगी लागू मध्यप्रदेश भरेगा नई उड़ान : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

MP Tech Growth Conclave 2.0 : स्पेस टेक पॉलिसी-2025 शीघ्र होगी लागू मध्यप्रदेश भरेगा नई उड़ान : मुख्यमंत्री डॉ. यादव एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2.0 : मध्यप्रदेश, भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का बनेगा हब 15 हजार 896 करोड़ का निवेश और 64 हजार से अधिक के रोजगार के अवसर एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव में […]