फिल्म समीक्षा: कमजोर कहानी पुष्पा 2 : द रूल
फिल्म समीक्षा: कमजोर कहानी पुष्पा 2 : द रूल
Mumbai: सुकुमार की डायरेक्टेड फिल्म ‘पुष्पा 2: द रूल’ 5 अक्टूबर को रिलीज हुई। 3 घंटे 20 मिनट की ये फिल्म आपको एंटरटेन करेगी। जब 2021 में ‘पुष्पा: द राइज’ आई थी तो उसका क्रेज भयंकर देखने को मिला था। कहानी, एक्शन से लेकर उसके किरदार और तो और लाजवाब गाने।
पुष्पा 2 : द रूल
फिल्म की कहानी वही लाल चंदन की तस्करी को लेकर ही थी। पहले पार्ट में भी पुलिस इसकी तस्करी रोकने और पुष्पा को पकड़ने में लगी थी। और इस बार भी वही था। हालांकि फिल्म की शुरुआत से लेकर अंत तक, जबरदस्त एक्शन देखने को मिला। जिससे कहानी पर ध्यान गया ही नहीं। इस मूवी ने हंसाया भी और रुलाया भी।
गानों और म्यूजिक ने सिर फाड़ दिया
पहले पार्ट की कहानी और गाने काबिलेतारीफ थे। लेकिन इस बार तो दिमाग की दही हो गया। जब मूवी की रिलीज से पहले गाने आउट हुए थे, तभी आधा मूड खराब हो गया था। लेकिन जब हॉल में फिल्म के साथ उन गानों को पूरा सुना तो किसी टॉर्चर से कम नहीं लगा। इस बार फिल्म के गाने बहुत ही बेकार है। लोगों का दिमाग का दही हो गया।
छा गई रश्मिका मंदाना
श्रीवल्ली के रूप में रश्मिका मंदाना ने कमाल कर दिया है, जो एक सहायक साथी के आदर्श से आगे निकल गई हैं। वह पुष्पा की भावनात्मक एंकर बन जाती हैं, जो कहानी में लचीलापन और गर्मजोशी की परतें जोड़ती हैं। पुष्पा राज के साथ उनकी केमिस्ट्री मनमोहक है, और उनका जोशीला गाना फीलिंग्स पूरी तरह से मनोरंजक है, जो उनके नृत्य कौशल को दर्शाता है।